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wheat procurement 2023

किसानों को सरकार का तोहफा, अब 80 प्रतिशत खराब हो चुके गेहूं की भी होगी खरीदारी

किसानों को सरकार का तोहफा, अब 80 प्रतिशत खराब हो चुके गेहूं की भी होगी खरीदारी

पिछले कई हफ्तों में देखा गया है कि देश भर में गेहूं की फसल पर मौसम की जबरदस्त मार पड़ी है। जिसके कारण फसल की उपज बुरी तरह से प्रभावित हुई है। साथ ही क्वॉलिटी में भी गिरावट आई है। इसको देखते हुए अब सरकार ने किसानों की मदद करने का ऐलान किया है। देश की केंद्र सरकार ने हरियाणा के किसानों को गेहूं खरीदी में छूट प्रदान की है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यदि किसानों के गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है तो भी उसे खरीद लिया जाए। सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा के किसानों से ऐसे गेहूं की खरीदारी करने के आदेश दिए गए हैं जिनकी मौसम की मार के कारण 80 फीसदी तक चमक खराब हो चुकी है। साथ ही गेहूं पूरी तरह से बेजान हो चुका है। सरकार ने कहा है कि ऐसी फसल को 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की मूल्य कटौती के साथ खरीद लिया जाएगा। विगत दिनों बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ था। जिसको देखते हुए हरियाणा की सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य के किसानों को गेहूं विक्रय में छूट देने की मांग की थी। इस मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है और खराब हो चुके गेहूं की खरीदारी करने के आदेश दिए हैं। ताकि राज्य के किसानों को किसी भी प्रकार का घाटा न उठाना पड़े। केंद्र सरकार के इस फैसले का हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने स्वागत किया है। फिलहाल हरियाणा में 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरकार गेहूं की खरीदी कर रही है। जिसका भुगतान 48 घंटे के भीतर किसान के बैंक खाते में किया जा रहा है। यह भी पढ़ें: गेहूं की फसल बारिश और ओले के अलावा इस वजह से भी होगी प्रभावित खराब गेहूं की खरीदी के आदेश के बावजूद किसान सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। दरअसल किसान बेजान गेहूं की खरीद पर प्रति क्विंटल 5.31 रुपये की कटौती नहीं देना चाहते हैं। हरियाणा के कई किसान संगठनों ने कहा है कि अगर सरकार कटौती का फैसला वापस नहीं लेती है तो किसान मंडियों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। मौसम की मार के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को बर्बाद हुई फसलों के एवज में  मुआवजा देने के लिए कहा है। इसके लिए सरकार ने ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल भी दोबारा खोल दिया है, ताकि किसान अपनी फसल को हुए नुकसान का ब्योरा यहां पर अपलोड कर सकें। सरकारी अधिकारियों द्वारा किसानों  के हुए नुकसान का मूल्यांकन किया जाएगा, इसके बाद मई में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किसान के बैंक खाते में मुआवजा राशि भेज दी जाएगी।
इस राज्य में गेंहू खरीदी के लिए 5900 खरीद केंद्र बनाए, MSP पर खरीदा जाएगा 60 लाख मीट्रिक टन गेंहू

इस राज्य में गेंहू खरीदी के लिए 5900 खरीद केंद्र बनाए, MSP पर खरीदा जाएगा 60 लाख मीट्रिक टन गेंहू

भारत के विभिन्न राज्यों में गेहूं खरीद चालू की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जाएगा। साथ ही, गेंहू खरीदी हेतु 5900 खरीद केंद्र निर्मित किए गए हैं। भारत में गेहूं की कटाई काफी तीव्रता से कर दी गई है। जिन किसानों का गेहूं जैसे-जैसे कटता जा रहा है। वह मौसम के रुख को देखते हुए उनको विक्रय हेतु मंडी लेकर पहुंच रहा है। ज्यादातर राज्यों में गेहं खरीद की पहल चालू कर दी गई है। जिन राज्यों के अंतर्गत अब तक गेहूं खरीदी चालू नहीं हुई है। वहां तैयारियां चालू की जा चुकी हैं। इन्ही राज्यों में उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। बतादें, कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार गेहूं खरीद की तैयारियां काफी तेज कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं, कि किसी भी स्थिति में मंडी में किसान भाइयों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित

उत्तर प्रदेश के अंदर लाखों की तादाद में किसान गेहूं का उत्पादन किया करते हैं। सीजन में लाखों टन गेहूं का मंडी में विक्रय किया जाता है। गेहूं उत्पादन के संबंध में उत्तर प्रदेश काफी बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फिलहाल गेहूं खरीद नीति 2023- 24 को स्वीकृति दी जा चुकी है। इस सीजन में किसान 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी करेगी। इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। 

यह भी पढ़ें: केंद्रीय स्तर से हरियाणा, पंजाब सहित इन राज्यों में भीगे गेहूं की होगी खरीद

उत्तर प्रदेश में गेंहू खरीदी के लिए 5900 क्रय केंद्र स्थापित किए हैं

किसान भाइयों को गेहूं खरीदने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जिसके लिए राज्य में कुल 5,900 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। क्रय केंद्रों पर किसान हेल्प डेस्क सहित समस्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रदेश सरकार पूर्व से ही रबी सीजन 2023- 24 के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदी की घोषणा पूर्व में ही कर दी थी। जिसके मन्देनजर कैबिनेट द्वारा फिलहाल इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। अब राज्य सरकार द्वारा समस्त जनपदों में गेहूं खरीद संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। 

प्रत्येक जनपद में डीएम बने नोडल अधिकारी

राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया है, कि गेहूं खरीद में लघु कृषकों का ज्यादा ध्यान रखा गया है। दरअसल, 60 क्विंटल से कम गेहूं विक्रय करने वाले कृषकों को खरीद में ज्यादा महत्व दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से संभागीय आयुक्तों को अपने संभालकों हेतु नोडल अधिकारी बनाया है। डीएम को स्वयं के स्तर से जनपद को नोडल अफसर बनाया है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 1 अप्रैल से गेहूं खरीद चालू की जा चुकी है।